विधानसभा में गुंजा रैयतों को मुआवजा नहीं मिलने का मुद्दा

 

विधायक संजीव सरदार ने तेज की पहल, कहा जल्द प्रक्रिया पूरी कर रैयतदारों को मिले मुआवजा

 

जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा सत्र में पोटका विधायक संजीव सरदार ने क्षेत्र के रैयतदारों को अब तक मुआवजा नन मिलने का मुद्दा जोरदार से उठाया। इस दौरान उन्होंने तारांकित प्रश्नों के माध्यम से कहा कि पोटका एवं डुमरिया प्रखंड के विभिन्न रैयतों की भूमि अधिग्रहण कर 2022-23 में कई निर्माण कार्य कराए गए थे। लेकिन प्रभावित ग्रामीणों को अब तक उनका उचित मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग द्वारा पोटका और डुमरिया प्रखंड में सड़क निर्माण के लिए कई ऐसी सड़के है, जिनके के लिए जमीन अधिग्रहित की गई है। जैसे पिछली से शंकरदा, दामुडीह, पाथरचाकड़ी होते हुए सुंदरनगर – जादूगोड़ा मुख्य पथ, बानाड़ुगरी भाया दामुडीह चौक, लोवाडीह, चेमाईजुड़ी, धिरोल, बांगो, मेसोगोड़ा भाया धिरोल, खांचीबिल होते हुए हाता-जादूगोड़ा मुख्य पथ और सावनाडीह (कालिकापुर) तक चौड़ीकरण, मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य और उसके साथ साथ भागाबंदी से बेसारपहाड़ी, सालगाडीह, दामूकोचा भाया भीतरआमदा, फुलझरी होते हुए उड़ीसा सीमा तक चौड़ीकरण, मजबूतीकरण/पुनर्निर्माण कार्य, कोवाली से डुमरिया तक चौड़ीकरण, मजबूतीकरण/पुनर्निर्माण कार्य भी शामिल है। विधायक ने सदन में सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा कि क्यों अधिग्रहित भूमि का मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है। जिससे रैयतों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। इस सवाल पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने मुआवजा न मिलने की बात को स्वीकार किया। साथ ही विभाग ने बताया कि वर्तमान में यह प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है और सर्वेक्षण कार्य पूरा होते ही प्रभावितों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा विधायक ने यह भी सवाल किया कि अंचलाधिकारी पोटका द्वारा रैयतों की भूमि सत्यापन रिपोर्ट जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को भेजी गई है या नहीं। इस पर सरकार ने पुनः आंशिक स्वीकृति देते हुए बताया कि 22 फरवरी को पोटका के अंचल अधिकारी ने सत्यापन कार्य पूर्ण कर लिया था और रिपोर्ट तैयार कर दी गई है। लेकिन उसमें कुछ त्रुटि होने के कारण फिर से रिपोर्ट मांगी गई है। अंतिम रिपोर्ट अब तक जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को नहीं मिली है। वहीं सदन में विधायक संजीव सरदार मामले को लेकर काफी दिखे। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व इस विषय को जिला उपायुक्त के साथ बैठक कर इसका समाधान निकालने को भी कहा था और अब यह मामला उन्होंने सदन में उठाया है। उनका प्रयास है कि जल्द से जल्द रैयतदारों को उनका मुआवजा मिले और जो उनका अधिकार भी है। उन्होंने कहा कि मैं जनता की समस्याओं को हल कराने और उनके अधिकारो के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहा हूं। जल्द ही समस्या का समाधान होगा और उन्हें उनका अधिकार भी मिलेगा।

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